अपने अक्सर देखा होगा कि, हमारे देश में लोग नदी में सिक्का(Coin in River) फेकते है। इसको देखकर हम सोंच में पड़ जाते है कि लोग ऐसा क्यों करते है। यह ज्यादातर हिन्दू धर्म में ही देखा जाता है, जिसमे लोग नदी में सिक्का अर्पित करते हैं, इसको लेकर बहुत से लोग सोचते हैं की यह एक अन्धविश्वास है। इसके अलावां कुछ लोग इसके बारे में भी जानना चाहते है की नदी में सिक्के क्यों फेका जाता है, इसका क्या राज है।
दोस्तों जैसा की आपको भी पता है,भारत परंपराओं और बिबिधतावों का देश है। हमारे यहां कई ऐसी मान्यतएं और खास बातें हैं जिनके मतलब और शुरुआती कारणों के बारे में हमें जानकारी नहीं होती है और हम उनके बारे में जानना चाहते हैं। इसी में से एक नदी में सिक्का फेकने को लेकर है, आपने गौर किया होगा कि हम कभी नदी के पास जाते हैं तो कई लोग उसमें सिक्का डालते हुए दिखेंगे।
लेकिन इसके कारण को लोग नहीं जानते है। ऐसे में आइए हम आपको बताते हैं नदी में सिक्का डालने की पौराणिक वजह के बारे में. दरअसल कई लोगों को लगता है कि ऐसा करने से गुड लक होता है और कुछ लोग मानते हैं कि यह अन्धविश्वास है।
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सिक्का फेकने के इस रिवाज के पीछे एक वजह छिपी हुई है। जिसके कारण लोग सिक्का फेकते हैं, दरअसल जिस समय नदी में सिक्का डालने की ये प्रथा शुरू हुई थी, उस राजाओं का शासन हुआ करता था तथा उस समय तांबे के सिक्के चला करते थे। आगर आप साइंस की माने तो तांबा पानी का प्यूरीफिकेशन (Water Purification) करने में काम आता है।
इसलिए लोग जब भी नदी या किसी तालाब के आसपास से गुजरते थे तो उसमें तांबे का सिक्का डाल दिया करते थे। क्योंकि लोग उस समय नदी तालाब और कुओं का पानी पिया करते थे, इसलिए लोग ऐसा काम करते थे ताकि पानी को सुध किया जा सके। तभी से यह प्रथा चलती आ रही है।
इसको लेकर ज्योतिष क्या कहता है?:-
हमारे यहाँ हिन्दू धर्म में ज्योतिश को काफी अहम् माना जाता है,इसलिए ज्योतिष में भी कहा गया है कि लोगों को अगर किसी तरह का दोष दूर करना हो तो उसके लिए वो जल में सिक्के और कुछ पूजा की सामग्री को प्रवाहित करे। इसके साथ ही ज्योतिष में ये भी कहा गया है कि अगर बहते पानी में चांदी का सिक्का डाला जाए तो उससे दोष खत्म होता है।
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